Thursday, January 26, 2012

Digest for maanavta

---------- Forwarded message ----------
From: maanavta@googlegroups.com
Date: Thu, 26 Jan 2012 00:45:52 +0000
Subject: www.maanavta.com Digest for maanavta@googlegroups.com - 1
Message in 1 Topic
To: Digest Recipients <maanavta@googlegroups.com>

=============================================================================
Today's Topic Summary
=============================================================================

Group: maanavta@googlegroups.com
URL: http://groups.google.com/group/maanavta/topics

- सत्संग - सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज [1 Update]
http://groups.google.com/group/maanavta/t/71bf31a16c701137


=============================================================================
Topic: सत्संग - सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज
URL: http://groups.google.com/group/maanavta/t/71bf31a16c701137
=============================================================================

---------- 1 of 1 ----------
From: "Gurdeep Singh : Admin : www.maanavta.com" <gurdeepsingh@maanavta.com>
Date: Jan 25 01:06PM +0530
URL: http://groups.google.com/group/maanavta/msg/17a777a3a07cd6ec

सत्संग में हरी यश होता है, ज्ञान चर्चा होती है, महापुरुष अपने जीवन के अनुभव
बताते हैं. इनको सुनने से दृढ़ता आती है, निरंकार-सदगुरु पर विशवास पक्का होता
है. महात्माओं ने तो यहाँ तक कहा की संगत, गुरु और निरंकार एक ही सत्ता के तीन
नाम हैं. इनमें से यदि किसी एक को भी छोड़ दें, तो धीरे-धीरे तीनों ही छूट जाते
हैं. जैसे-जैसे कोई सत्संग से परे हटता है, उसका गुरु से प्यार भी कम होता
जाता है, गुरु से प्यार और विशवास कम होता है तो निरंकार का ध्यान भी कम होने
लगता है. सत्संग को तो परमार्थ में पहली सीड़ी माना गया है. जो महापुरुष
नित्यप्रति सत्संग करता है, उसका गुरु से प्यार और निरंकार पर विशवास सहज ही
बढता जाता है.

*सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज, बुक : गुरुदेव हरदेव, भाग-1 , पेज 80 *


--
श्री राम कुमार 'सेवक' जी के सम्पादकीय at
http://www.maanavta.com/editorial-%E0%A4%B8%E0%A4%AE-%E0%A4%AA-%E0%A4%A6%E0%A4%95-%E0%A4%AF/


PLEASE FORWARD THIS MAIL TO OTHERS SAINTS, ONLY IF YOU LIKE SO.

You received this message because you are subscribed to the Google
Groups "blessings4all" group.
To post to this group, send email to blessings4all@googlegroups.com
To unsubscribe from this group, send email to
blessings4all+unsubscribe@googlegroups.com
For more options, visit this group at
http://groups.google.co.in/group/blessings4all?hl=en-GB

--
Blissformula, PSN:13/ATAMPA(All Types Adequate Meditating
Personalities Assembling). Website:
http://sites.google.com/site/autoverflownow/free-globaltel