Friday, January 13, 2012

गीता और प्रजातांत्रिक व्यवस्था

राजतान्त्रिक व्यवस्था में जैसा राजा होगा, वैसी ही प्रजा होगी, राष्ट्र
होगा, सारी व्यवस्थाएं होगीं.
प्रजातान्त्रिक व्यवस्थामें जैसी प्रजा होगी, वैसा ही राजा होगा, सारी
व्यवस्थाएं होगीं.
हमें इस बात को बार-बार ध्यान में रखना होगा कि वह कल जिसमे श्रीगीता का अवतरण हुआ,
उस काल में राजतान्त्रिक व्यवस्था थी,
और आज हमलोग प्रजातान्त्रिक व्यवस्थामें जीने वाले, के सहभागी मनुष्य हैं.
" घृतराष्ट्र बोले, आगे पढ़ें http://sribhagwatgeeta.blogspot.com

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*रश्मिप्रीत* http://sribhagwatgeeta.blogspot.com
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